खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कृषि उत्पादन को बढ़ाने, संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। यहाँ AI के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग बताए जा रहे हैं:
- सटीक खेती (Precision Farming): AI सेंसर और डेटा विश्लेषण का उपयोग कर खेती में सटीकता लाने में मदद करता है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता, मौसम की जानकारी, और जल प्रबंधन की सही जानकारी मिलती है, जिससे फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है।
- फसल की स्थिति का पूर्वानुमान (Crop Monitoring): ड्रोन और AI आधारित कैमरों के माध्यम से फसल की स्थिति की निगरानी की जा सकती है। इससे रोग या कीटों के हमले का पहले से पता चलता है और समय पर उपचार किया जा सकता है।
- खाद और पानी की सही मात्रा: AI सिस्टम, मिट्टी और फसल की जरूरतों के आधार पर सही मात्रा में पानी और खाद का सुझाव देते हैं। इससे किसानों को संसाधनों की बचत होती है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है।
- कीट नियंत्रण (Pest Management): AI का उपयोग करके फसल में कीटों के हमले का जल्द पता लगाया जा सकता है और सही समय पर उनका इलाज किया जा सकता है। इससे फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।
- मंडी और बाजार की जानकारी: AI आधारित एप्लिकेशन किसानों को मंडी के भाव, फसल की मांग, और बाजार की स्थिति की जानकारी देते हैं, जिससे उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य मिल सकता है।
खेती में AI का उपयोग आधुनिक और टिकाऊ खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसानों को सही जानकारी मिलती है, लागत घटती है और फसल की पैदावार में वृद्धि होती है।
यहां कुछ प्रमुख भारतीय सरकारी योजनाएं हैं जो खेती से संबंधित हैं:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है, जो तीन किस्तों में वितरित की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- सोइल हेल्थ कार्ड योजना: यह योजना मिट्टी के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए लॉन्च की गई है। इसमें किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य कार्ड दिए जाते हैं, जिसमें उनकी मिट्टी के पोषण स्तर और उर्वरकों के लिए सिफारिशें होती हैं।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): यह फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों के कारण फसल के विफलता के मामले में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए है। यह विभिन्न फसलों को कवर करती है और सुनिश्चित करती है कि किसानों को नुकसान के खिलाफ सुरक्षा मिले।
- राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM): यह एक ऑनलाइन व्यापार मंच है जो किसानों और खरीदारों को जोड़ता है। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादों के विपणन में पारदर्शिता और मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना: इस योजना के तहत किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए जाते हैं, जिससे उन्हें कृषि गतिविधियों और अन्य जरूरतों के लिए तात्कालिक ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसका उद्देश्य समय पर किसानों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): यह योजना सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने पर केंद्रित है और कृषि के लिए पानी की उपलब्धता में सुधार करने के लिए विभिन्न पहलों को लागू करती है, जैसे सूक्ष्म-सिंचाई, जलग्रहण प्रबंधन और वर्षा जल संचयन।
- डिजिटल इंडिया पहल: यह पहल कृषि में डिजिटल प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए है, जिससे किसानों को मौसम, बाजार और सर्वोत्तम प्रथाओं पर जानकारी तक पहुंच मिल सके, जैसे मोबाइल ऐप और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से।
- कृषि यांत्रिकीकरण योजना: इस योजना का उद्देश्य आधुनिक कृषि उपकरणों और मशीनरी के उपयोग को बढ़ावा देना है, ताकि उत्पादकता में सुधार और खेती में श्रमिक लागत कम हो सके।
- परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY): यह योजना जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए है, जिसमें किसानों को जैविक खेती की प्रथाओं को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता और तकनीकी समर्थन दिया जाता है।
ये योजनाएं भारतीय सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं जो कृषि उत्पादकता बढ़ाने, किसानों के कल्याण सुनिश्चित करने और सतत खेती प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए हैं।